कभी चिंतित,कभी विचलित,
कहीं सीमित कहीं विस्मित
तेरे नयनों से परिचित,
कभी लालित ,कभी उद्वेलित,
कभी पुलकित कभी कम्पित,
तेरे अधरों से परिचित,
कहीं व्याकुल, कहीं विस्तृत,
कहीं चंचल ,कहीं सशंकित,
तेरे मन से मैं परिचित,
तेरी थिरकन पे हर्षित,
तेरे भावों से शाषित,
तेरी खुशियों पे अर्पित,
मैं तेरा एक परिचित.
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