Friday, March 16, 2012

अफ़वाह

उस दिन गिरा एक सूरज पाताल में,

बारिश हुई जब बवंडर के सुर-ताल में,

अंधेरों की बादशाहत किरणों पर हुई,

सारी हवाओं की सांसें यूँही घुट गयी,

तिलमिलाती सच्चाई की सूखी परतों को,

अफ़वाहों की एक काली चादर ढक गयीं.


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